सागरीय लवणता को प्रभावित करने वाले कारक
- सागरीय जल की सतही परतों की लवणता मुख्य रूप से वाष्पीकरण और वर्षा पर निर्भर करती है.
- ताजा जल अंतः प्रवाह तटीय क्षेत्रों की लवणता नदियों से आने वाले ताजे जल के अंतः प्रवाह से प्रभावित होती है.
- ध्रुवीय क्षेत्रों में लवणता जल के जमने और बर्फ के पिघलने की प्रक्रिया से प्रभावित होती है.
- पवनें जैसे की स्थाई पवनें अन्य क्षेत्रों में पानी का स्थानांतरण कर किसी क्षेत्र की लवणता को प्रभावित करती है.
- समुद्री धाराएं भी लवणता के परिवर्तन में योगदान देती है.
- लवणता, तापमान और पानी का घनत्व जैसे कारक अंतर संबंधित है. इसलिए तापमान या घनत्व में परिवर्तन संबंधित क्षेत्र की लवणता को प्रभावित करता है.
विभिन्न सागरों में अलग-अलग लवणता के कारण
- लाल सागर – सतही जल के मिश्रित होने के कारण खुले समुद्र में लवणता अधिक होती है. लाल सागर के स्थल अवरुद्ध सागर होने के कारण इस में उच्च लवणता पायी जाती है.
- उत्तरी सागर – ध्रुवों की ओर बढ़ने से धीरे-धीरे लवणता की मात्रा कम होती जाती है. उत्तरी सागर की उच्च अक्षांश में अवस्थिति के बावजूद समुद्री धारा उत्तरी अटलांटिक प्रवाह द्वारा लवणीय जल लाने के कारण यहाँ उच्च लवणता पाई जाती है.
- भूमध्य सागर – उच्च वाष्पीकरण के कारण इस में उच्च लवणता पाई जाती है.pic source - google
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