Sunday, April 12, 2020
जलियांवाला बाग हत्याकांड -13 अप्रैल
13 अप्रैल 2020 को वीभत्स जलियांवाला बाग हत्याकांड की 101 वी वर्षगांठ है 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में सैकड़ों निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था यह भारत की इतिहास का सबसे दुखद नरसंघार है | ब्रिटिश सरकार ने भारतीय क्रांतिकारियों का दमन करने के उद्देश्य से रौलट एक्ट को पारित किया था इस अधिनियम के तहत बिना अपील बिना दलील के लोगों को जेल में डाला जा सकता था ।गांधी जी ने इस कानून के विरुद्ध अभियान शुरू किया था, इस कानून के विरुद्ध देश के विभिन्न हिस्सों में लोगों ने एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया था इसी कड़ी में दो राष्ट्रीय नेताओं सत्यपाल सिंह और सैफुद्दीन किचलू को गिरफ्तार किया गया, उनकी गिरफ्तारी के विरुद्ध लोग जलियांवाला बाग में एकत्रित हुए थे। ब्रिटिश अधिकारी जनरल डायर के आदेश पर सैनिकों ने निर्दोष लोगों पर गोलियां चलाई जिसमें हजारों लोगों ने अपनी जान गवाई ।ब्रिटिश सरकार के रिकॉर्ड के अनुसार इस घटना में 379 लोगों की मृत्यु हुई और हजारों लोग घायल हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुताबिक इस घटना में करीब एक से डेढ़ हजार लोगों की मृत्यु हुई थी इसी की याद में प्रतिवर्ष 13 अप्रैल को जलियांवाला बाग हत्याकांड के रूप में जाना जाता है|
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