#भारत_सरकार_के_अनुसार_सूक्ष्म_लघु_और_मध्यम_उद्योग_किन्हें_कहा_जाता_है?
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSMEs) क्षेत्र पिछले पांच दशको में भारतीय अर्थव्यवस्था में एक अत्यधिक जीवंत एवं गतिशील क्षेत्र के रूप में उभरा है. इस क्षेत्र ने भारत की अर्थव्यवस्था को आर्थिक मंदी के समय मंदी में फसने से बचाया था. कुल मिलाकर यह क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था के लिए रीढ़ की हड्डी जैसा रोल निभा रहा है.
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास बिल- 2005 (जो 12 मई, 2005 को संसद में प्रस्तुत किया गया था) को राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृति दे दी गई है और इस प्रकार एक अधिनियम बन गया था. इस अधिनियम को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम, 2006 के रूप में नामित किया गया है.
#आइये_जानते_है_कि_इस_अधिनियम_के_अनुसार_सूक्ष्म_लघु_और_मध्यम_उद्यम_किन्हें_कहा_जायेगा?
#सूक्ष्म_लघु_और_मध्यम_उद्यम (MSMEs) #विकास_अधिनियम_2006_की_नई_परिभाषा;
नई परिभाषा 7 अप्रैल,2018 से लागू है जिसे प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी की बैठक में अंतिम रूप दिया गया था. इस परिवर्तन के बाद अब “प्लांट और मशीनरी” में निवेश की जगह “टर्नओवर” के आधार पर MSMEs वर्गीकरण किया जायेगा.
#सूक्ष्म_लघु _और _मध्यम_उद्यम_की_पुरानी_परिभाषा_2018
#विनिर्माण_क्षेत्र:- #सेवा_क्षेत्र
#सूक्ष्म_उद्योग:- सालाना टर्न ओवर रु. 5 करोड़ से कम
#लघु_उद्योग:- सालाना टर्न ओवर रु. 5 करोड़ से 75 करोड़ के बीच
#मध्यम_उद्योग:- सालाना टर्न ओवर रु. 75 करोड़ से 250 करोड़ के बीच
#सरकार_द्वारा_इसकी_नई_परिभाषा_इस_प्रकार_दी_गयी_है:- #2020
#वर्गीकरण:- विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र
#सूक्ष्म_उद्योग:-निवेश 1 करोड़ से कम &टर्नओवर 5 करोड़ से कम
#लघु_उद्योग:-निवेश 10 करोड़ से कम & टर्नओवर 50 करोड़ से कम
#माध्यम_उद्योग:-निवेश 20 करोड़ से कम & टर्नओवर 100 करोड़ से कम
#सूक्ष्म_लघु_और_मध्यम_उद्यमों_का_भारतीय_अर्थव्यवस्था_में_योगदान_इस_प्रकार_है.
1. इस समय भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र की लगभग 36.1 मिलियन इकाइयाँ लगी हुई हैं.
2. वर्तमान में MSMEs ने भारत में 120 मिलियन लोगों को रोजगार दिलाया हुआ है.
3. MSMEs, भारत के कुल निर्यात में करीब 45% योगदान देते हैं.
4. MSMEs, भारत के विनिर्माण-सकल घरेलू उत्पाद में 6.11% का योगदान देते हैं, सेवा क्षेत्र से मिलने वाली GDP में 25% का योगदान देते हैं.
5. इस क्षेत्र ने लगातार 10% से अधिक की वार्षिक वृद्धि दर को बनाए रखा है.
6. देश के सकल घरेलू उत्पाद में इस क्षेत्र का योगदान लगभग 8% का है.
7. MSMEs की बहुत सी इकाइयाँ ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्थित है जिसके कारण गावों से शहरों की ओर पलायन रुका है.
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